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इन मंत्रों का जाप गणेश चतुर्थी पर करें

गणपति जी के जन्मोत्सव के उत्सव में गणेश चतुर्थी का दिन मनाया जाता है, जिसकी प्रशंसा इस बार 22 अगस्त 2020, शनिवार को की जाएगी। इस दिन हर कोई अपने घर में गणपति की स्थापना करता है। दिन में 11: 06 मिनट और 01 बजकर 42 मिनट के बीच गणेश को प्रेम करने का शुभ अवसर है। गणपति जी का प्रेम आपके जीवन को सुरक्षित और समृद्ध बनाता है। आज हम आपके लिए राशि के अनुसार गणपति मंत्र लेकर आए हैं, जो प्रेम के दौरान सुनाने के लिए भविष्यफल होगा। तो हम इन मंत्रों के बारे में कैसे सोचते हैं। इस घटना में कि आप दिए गए मंत्रों का उच्चारण करते हैं, तो आपको अविश्वसनीय लाभ मिलेगा। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो जाएगी। तो गणेश चतुर्थी पर पाठ करने वाले इन मंत्रों को याद करें। इन मंत्रों का पाठ करने से आप गणेश जी को संतुष्ट कर सकते हैं और उनकी पूजा कर सकते हैं और अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।
गणेश जी की आराधना के मंत्र –
1. श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ.
ऊँ वक्रतुण्डाय नम:.
2. श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ गं ऊँ.
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्.।
3. ऊँ गं गणपतये नम:।
ऊँ श्री गणेशाय नम:.
4. ऊँ नमो भगवते गजाननाय.
ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.
5. श्री गणेशाय नम:.
महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्.।
6. ऊँ श्री गणेशाय नम:.
ऊँ गं गणपतये नम:।
दूर्वा जरूर अर्पित करें
7. ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.
ऊँ गं ऊँ.
चँदन की धूप जलायें
8.ऊँ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:।
ऊँ.
9. हीं श्रीं क्लीं गौं वरमूर्र्तये नम:.
ऊँ गं गणपतये नम:।
10. हीं श्रीं क्लीं नमो भगवते गजाननाय.
ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्.
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